रायपुर। देश में हर 10 साल के बाद जनगणना होती है। ऐसे में साल 2011 के बाद 2021 में जनगणना होने वाली थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि साल 2022 में जनगणना हो सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अब नई जानकारी यह मिल रही है कि साल 2024 के आम चुनाव के बाद जनगणना शुरू होगी। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने पहले ही इसके लिए 8,754 करोड़ रूपये का बजट आवंटित किया था। साथ ही सरकार ने इसे दो चरणों में पूरा करने का लक्ष्य रखा था। जिसमें पहला राउंड अप्रैल से सिंतबर 2020 तक और दूसरा फरवरी 2021 में होना था। लेकिन कोरोना ने सरकार की प्लानिंग पर पूरी तरह से पानी फेर दिया। इसके बाद से लगातार इस बात पर चर्चा होती रही कि सरकार जातीय जनगणना पर विचार कर रही है।
सरकार के सूत्रों के मुताबिक, 2024 लोकसभा चुनाव के बाद देश में जनगणना हो सकती है और इसके लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग किया जाएगा। देश की पहली जनगणना साल 1872 में हुई थी। तब हमारे देश में ब्रिटिश शासन था। जिसके बाद लगातार 150 सालों तक हर 10 साल में जनगणना होती रही है। इस दौरान 1941 में दूसरा वर्ल्ड वार हुआ। देश ने साल 1961 में चीन के साथ जंग लड़ी। इसके अलावा 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान देश को कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। लेकिन इस दौरान कभी भी जनगणना नहीं रूकी।
जनगणना में होती है ये सारी चीजें
जनगणना में देश की आबादी की गिनती करने के अलावा शिक्षा स्तर, हाउसिंग, परिवार की आर्थिक स्थिति, मृत्यु एंव जन्म दर, भाषा, धर्म, दिव्यांगता समेत सामाजिक आर्थिक पहलुओं पर डेटा इकठ्ठा किया जाता है। यह देश का सबसे बड़ा डेटा होता है। सरकार को जनगणना करने के बाद समाज में लोगों की स्थिति के बारे में पता चला है। सरकार इस बार देश में डिजिटल माध्यम से जनगणना करने की तैयारी में है। ऐसा करने से डेटा को सही तरीके से मेंटेन रखने में आसानी हो सकती है तथा इससे गांवों, कस्बों समेत सभी वार्ड का डेटा मेंटेन होगा। इससे सरकार को भी योजना बनाने में काफी ज्यादा आसानी होगी।
इस बार की जनगणना सबसे अलग
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अगले साल होने वाली जनगणना में कर्मचारी स्मार्टफोन और टैबलेट के माध्यम से डिजिटली तरीके से डेटा को कलेक्ट करेंगे। जनगणना को पूरा होने में लगभग 12 महीनों का वक्त लग जाता था, लेकिन इस बार की जनगणना में कम समय समाप्त हो जाएगा। इसके लिए जनगणना आयुक्त का कार्यालय और रजिस्ट्रार जनरल की और से पूरी तैयारी की जाती है। जिसके बाद जाकर जनगणना की पूरी प्रक्रिया शुरू होती है। इसके लिए पहले घरों की पहचान की जाती है और फिर जनगणना शुरू होती है। साथ ही पूरी जनगणना के दौरान इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि डेटा की डबलिंग न हो । पढ़ते रहिए हिंदूवादी न्यूज…