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आईटी के छापे में कई खुलासे, जमीनी दस्तावेजों के अलावा अफसरों के ऑडियो-वीडियो रिकार्ड भी जब्त, ईडी से जानकारी शेयर की

आईटी के छापे में कई खुलासे, जमीनी दस्तावेजों के अलावा अफसरों के ऑडियो-वीडियो रिकार्ड भी जब्त, ईडी से जानकारी शेयर की


हिंदूवादी। न्यूज

गंजपारा दुर्ग में 6 जनवरी को आयकर विभाग की जांच में प्रदेश की राजनीतिक और प्रशासनिक महकमें में खलबली मचा दी है। सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि गंजपारा में जिस फाइनेंसर और सप्लायर कमलेश वैद्य के दफ्तर और घर पर आईटी ने दबिश देकर जांच की, वहां कई जरूरी दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों में जमीनों के रिकार्ड हैं। इनके अलावा कुछ आईएएस स्तर के अधिकारियों की ऑडियो रिकार्डिंग भी मिली है। हालांकि अब तक आईटी ने इन दस्तावेजों की पुष्टि नहीं की गई है। इधर आईटी द्वारा इन दस्तावेजों और ऑडियो को ईडी के साथ शेयर किए जाने की खबर भी सामने आई है।
आईटी की टीम ने 6 जनवरी को प्रदेश में 20 से अधिक जगहों पर छापा मार कार्रवाई की थी। इस दौरान आरके रोडवेज, स्वास्तिक ग्रुप में आय से अधिक की संपत्ति के मामले में जांच की गई। इसके बाद पिछले दिनों ईडी ने शिकंजा कसते हुए रायपुर में आईएएस अन्बलगम पी के भिलाई 32 बंगला भिलाई र रायपुर के ठिकानों में दबिश दी थी। इस दौरान आय से अधिक की संपत्ति के मामले में जांच जारी है। उनके अलावा बीज निगम के अध्यक्ष व कांग्रेस नेता अग्नि चंद्राकर, परिवहन कारोबारी विपुल गुप्ता, मनसुख पटेल, स्वतंत्र जैन के खिलाफ भी जांच की गई। हालांकि जांच के दौरान क्या कुछ मिला है, इसका खुलासा नहीं किया गया है।
दुर्ग में अफसरों और राजनेताओं ने खरीद रखी करोड़ों की संपत्ति
ईडी और आईटी को अब यह स्पष्ट हो चला है कि दुर्ग जिले में भी हवाला का पैसा निवेश किया गया है। इससे जमीन और सोना दोनों की खरीदी कई गई है। दुर्ग और भिलाई से लगे प्राय: सभी हाईवे पर अधिकारियों ने जमीनें खरीदी हंै। इनमें आईएएस से लकर अन्य प्रशासनिक पदों पर बैठे अधिकारी शामिल हैं। पुलिस के अफसरों के भी नाम सामने आए हंै। सूत्रों के मुताबिक दुर्ग और भिलाई की पॉश कॉलोनियों में भी करोड़ों के मकान इन अधिकारियों के नाम पर हैं। राजनेताओं और मंत्रियों ने भी अपने रिश्तेदारों के नाम पर उतई, पाटन, सेलूद, दुर्ग से धमधा मार्ग, अहिवारा, कुम्हारी, अमलेश्वर कोहका, धनोरा रोड, लिटिया, बोरी, सेमिरया, जालबांधा रोड सहित अन्य जगहों पर करोड़ों की जमीन की खरीदी की है। रजिस्ट्रॉर के नाम से अब सभी जगहों पर जमीने के मालिकों के रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं।