हिंदूवादी। न्यूज
– रात 1 बजे बार में IAS लक्ष्मण तिवारी ने मारा छापा, संचालक को लगाई जमकर फटकार, बस स्टैंड स्थित पंजाब बार और अंजोरा में जिले की सीमा से लगा प्लेजर क्लब खुला हुआ था, पहले भी शहर में ऐसी करवाई फिर देर रात तक बारों में सज रही महफिलें, बेची जा रही शराब
– बस स्टैंड स्थित एवन बार, नेहरूनगर चौक स्थित बार एंड रेस्टोरेंट, रामनगर सुपेला स्पर्श हॉस्पिटल के सामने स्थित बार और अन्य जगहों के कई बार देर रात खुले रहते हैं।
जानिए आखिर क्या है पूरा मामला
एसडीएम आईएएस लक्ष्मण तिवारी ने पिछले दिनों देर रात शहर के कई बार और रेस्टोरेंट में छापेमारी की। पुलगांव रोड स्थित शहर के सबसे बड़े बार और रेस्टोरेंट प्लेजर क्लब में अवैध शराब बेचने का मामला सामने आया है। इसके अलावा दुर्ग बस स्टैंड स्थित पंजाब बार रात एक बजे तक खुला मिला।
दुर्ग एसडीएम लक्ष्मण तिवारी ने होली को देखते हुए तय समय के बाद देर रात खुलने वाले बार रेस्टोरेंट और अन्य प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की। सबसे पहले रात 10 से 11 बजे उन्होंने धमधा रोड स्थित गोल्डन बार और अंजोरा स्थित प्लेजर में रेड मारी। गोल्डन बार में जांच के दौरान उन्होंने यहां के किचन, बार, लिकर स्टॉक की जांच की। संचालक से वहां पब चलाने के दस्तावेज मांगे। किचन की जांच पर उन्हें एक ही फ्रिज में वेज और नॉनवेज रखा मिला।
इसे लेकर उन्होंने संचालक को जमकर फटकार लगाई। इसके बाद वे अंजोरा प्लेजर बार में पहुंचे। उन्होंने शराब की सेल और स्टॉक का रिकॉर्ड मिलाया। गुमास्ता लाइसेंस चेक किया, तो जितने कर्मचारी दिखाए गए थे, उसके अलावा कई अन्य कर्मचारी भी वहां काम करते हुए मिले। दोनों ही जगह बिना लाइसेंस सिगरेट और तंबाकू उत्पाद बेचे जा रहे थे। इस दौरान उनके साथ दुर्ग कोतवाली पुलिस, फूड विभाग, आबकारी विभाग और जनसंपर्क और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। नियमों के तहत करवाई की गई।
18 फरवरी को लिस्टोमानिया बार एवं क्लब में भी की थी छापामारी
18 फरवरी को रात्रि 9 बजे जुनवानी स्थित सूर्या मॉल के तृतीय तल पर संचालित किए जा रहे लिस्टोमानिया बार एवं क्लब का अनुविभागीय दण्डाधिकारी दुर्ग के नेतृत्व में खाद्य एवं औषधि, आबकारी, राजस्व, पुलिस विभाग तथा मीडिया कर्मी की मौजूदगी में औचक निरीक्षण किया गया। क्लब के किचन में शाकाहारी एवं माँसाहारी खाद्य सामग्री खुला करके एक के ऊपर एक करके एक ही कन्टेनर में रखा गया था। छत में अत्यधिक मात्रा में कचरा एवं खाली शराब की बोतल काफी दिनों से रखी गई थी। क्लब के पास एक ही काउन्टर परमिट है किंतु क्लब द्वारा अलग-अलग फ्लोर में दो-काउण्टर संचालित किया जा रहा था। वाशरूम में तीसरे मंजिल से नीचे गए डस्ट एरिया ओपन है जो अत्यंत खतनाक है। क्लब के पास केवल 07 स्टाफ की अनुज्ञप्ति है किंतु क्लब का केवल 01 अनुज्ञप्ति प्राप्त स्टाफ ही कार्यरत दिखा, इसके अतिरिक्त वर्तमान में क्लब में 47 व्यक्ति कार्यरत पाए गए। क्लब के पास फूड लायसेंस एवं गुमास्ता लायसेंस नहीं पाया गया, बार-बार उपलब्ध कराने बोलने पर भी उपलब्ध नही कराया गया। काउण्टर में अवैध रूप से सिगरेट का भण्डारण पाया गया, जिसके लिए भी कोई परमिट नहीं लिया जाना पाया गया। क्लब में कार्यरत किसी भी स्टाफ का पुलिस वेरीफिकेशन नहीं होना पाया गया। भारी मात्रा में होलोग्राम पाया गया, जो कि किसी भी बोतल पर लगाकर बेचा जाता है, जिससे शासन को अत्यधिक क्षति होना पाया गया। क्लब में कार्यरत किसी भी स्टाफ का दस्तावेज नहीं होना पाया गया। काउण्टर पर रखे निक्कर का स्टॉक रजिस्टर मौके पर मौजूद नहीं पाया गया और न ही होलोग्राम का कोई रजिस्टार संधारित किया गया। क्लब के पास डी.जे. संचालित करने का लायसेंस एम्यूजमेंट नहीं होना पाया गया। एफएसएसएआई लायसेंस नही पाया गया। लिखे अनुज्ञप्तिधारी को कार्यस्थल पर लगाया जाना (डिस्प्ले) खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा आवश्यक है। प्रभाग द्वारा मटन करी का फूड सैम्पल एकत्रित किया गया। जिसे राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला में जांच हेतु भेजा जायेगा। क्लब द्वारा फूड एवं गुमाश्ता लायसेंस व सिगरेट का लायसेंस मौके पर उपलब्ध नहीं कराया गया। अतः मौके पर उपस्थित समस्त व्यक्तियों एवं क्लब संचालक की सहमति से आगामी आदेश पर्यन्त क्लब को बंद कराया गया। मौके पर पंचनामा की कार्यवाही हुई जो सभी उपस्थित व्यक्तियों को पढ़कर सुनाई गई एवं उनके द्वारा समझकर हस्ताक्षर किया गया। क्लब बंद कर उसकी चाबी खाद्य एवं औषधि विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारी को सुपुर्द में दिया गया।
लंबे समय से देर रात तक खुले रहते हैं ये बार और रेस्टोरेंट
दुर्ग और भिलाई के अधिकांश बार और रेस्टोरेंट देर रात तक खुले रहते हैं। लेकिन लाइसेंस नियमावली के तहत 11 बजे तक ही बार खुल सकते हैं। इसके अलावा क्लब लाइसेंस को भी अधिकतम 12 बजे तक बार खोलने का अधिकार दिया गया है। लेकिन पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से देर रात तक ये बार खुल रहें हैं। जांच और करवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गृह जिले में और कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा के नाक के नीचे ये गोरखधंधा फलफूल रहा है। युवा नशे की लत में पड़कर अपराधिक घटनाएं भी कारित कर रहे हैं।