कामधेनु विश्वविद्यालय अंजोरा के कुलपति डॉ एनपी दक्षिणकर की नियुक्ति को चैलेंज किया गया है। पशु महाविद्यालय महू भोपाल के प्राध्यापक डॉ आरके बघेरवाल ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से लेकर सोनिया गांधी तक से की है। उन्होंने कहा कि नियमों को ताक पर रखकर नियुक्ति की गई है। मामले में जांच कर कारवाई की मांग की गई है। शिकायत में कहा गया है कि उपरोक्त विषयान्तर्गत एवं संदर्भित पत्र के परिप्रेक्ष्य में निवेदन है कि जन सूचना अधिकारी राजभवन रायपुर के पत्र कमांक 4660 / 141 / सू.अ. / 2018 / रास/ रायपुर, दिनांक 23/10/2018 के अनुसार छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एन.पी. दक्षिणकर का चयन वि. वि. अधिनियम 1973 का उलंघन कर किया गया है । इस संदर्भ में छानबीन समिति का गठन विश्वविद्यालय अधिनियम 2011 की धारा 11 की उपधारा (2) के तहत नियमानुसार नहीं किया गया । The Hon. Supreme Court has held that, the selection of Vice Chanceller should be through identification of a penel of 3-5 names by a search committee through public notification or nomination or a talent search process. The members of above search committee shall be persons of eminence in sphere of Higher education and shall not be connected in any manner. with the University concered or its colleges (Civil appeal No. 6831 of 2013 (Arising from SLP (c) No. 8066 of 2013).
छानबीन समिति के सदस्य डॉ. श्रीकांत हिसार (हरयाणा) को विश्वविद्यालय अधिनियम के अंतर्गत 10 वर्षों का शैक्षणिक अनुभव नहीं था । इसके बावजूद उन्हें चयन समिति को सदस्य बनाया गया बिना मापदण्डों के दी गई पैनल में से दिये गये नामों में डॉ. एन. पी. दक्षिणकर का मनोनयन राज्यपाल के सचिव श्री सुरेन्द्र जायसवाल द्वारा किया गया जो कि अधिनियम 1973 एवं वि.वि. अधिनियम 2011 की धारा 9 ( 1 ) का उलंघन है जबकि नियमानुसार तीन नामों के पैनल में एक का कुलपति हेतु मनोनयन केवल कुलाधिपति द्वारा स्वयं के हस्ताक्षर से होता है
अतः कुलपति, छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग छत्तीसगढ़ को धारा 52 के अंतर्गत भारमुक्त करने की कृपा करें।
शिकायत में ये दस्तावेज भी लगाए गए