Homeछत्तीसगढ़अपराध

पुलिस प्रताडऩा से परेशान होकर पदयात्रा में निकले आरक्षक संजीव लिए गए हिरासत में

पुलिस प्रताडऩा से परेशान होकर पदयात्रा में निकले आरक्षक संजीव लिए गए हिरासत में


पुलिस प्रताडऩा से परेशान होकर पदयात्रा में निकले आरक्षक संजीव लिए गए हिरासत में
दुर्ग। पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की प्रताडऩा से परेशान पुलिस मुख्यालय के सीआईडी शाखा में आरक्षक संजीव मिश्रा ने गुरुवार को त्यागपत्र देने पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर तक के लिए पदयात्रा शुरु की। पदयात्रा के दौरान वे अपने साथ पुलिस विभाग द्वारा दिए गए कीट को रखे हुए थे। आरक्षक संजीव मिश्रा ने पटेल चौक से पदयात्रा की शुरुवात करने की घोषणा की थी। जिससे पुलिस बल सुबह से पटेल चौक में लगी रही। लेकिन आरक्षक संजीव मिश्रा पटेल चौक नहीं पहुंचा और वह पुलिस बल को चकमा देते हुए रिसाली से पदयात्रा करते हुए सेंट्रल ऐवेन्यू मार्ग पहुंच गया। जहां पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने उसे हिरासत में ले लिया और समझाईश देने का प्रयास किया। बताया गया है संजीव मिश्रा को बीजापुर पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है। आरक्षक संजीव मिश्रा के त्यागपत्र देने पुलिस मुख्यालय रायपुर तक पदयात्रा करने को लेकर गुरुवार को जिला पुलिस दिनभर ऐलर्ट रही। मालूम हो कि आरक्षक संजीव मिश्रा ने प्रताडऩा को लेकर आईजी व कलेक्टर को पूर्व में ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन के माध्यम से उन्होने पुलिस विभाग के अधिकारियों पर प्रताडऩा का आरोप लगाया था। अपने ज्ञापन में उन्होने कहा था कि मैं प्रार्थी आरक्षक संजीव मिश्रा पुलिस मुख्यालय के सी. आई.डी. शाखा में पदस्थ हूं । 13 साल से विभाग में कार्यरत् हूं , परंतु 13 साल से पुलिस विभाग के अधिकारियों की यातनाओं व प्रताडऩाओं के कारण आज विभाग से पृथक होना चाहता हूँ। एक उम्मीद थी कि 8 दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बनाई गई कमेटी, जिसमें ए.डी.जी. हिमांशु गुप्ता को अध्यक्ष बनाया गया था। उसके आधार पर 2023-24 के अंतिम बजट में पुलिस विभाग के तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों का भला होगा, पर बजट में तृतीय श्रेणी पुलिस कर्मचारियों को कुछ भी नहीं दिया गया। पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा जवानों का लगातार शोषण किया जा रहा है। शोषण को उजागर करने वाले बेगुनाह लोगों को झूठे आरोप लगा कर जेल भेजा जा रहा है। पुलिस जवानों की सभी पीड़ा के निराकरण के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा हिमांशु गुप्ता कमिटी का गठन किया गया था, परंतु एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा जवानों के हक के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई है। उल्टे जवानों का शोषण और बढ़ गया है। कमेटी में अधिकारियों के सुस्त रवैये को देखते हुए और दो लोन में लदे (पुलिस साख समिति और अन्य बैंक) पुलिस परिवार की पीड़ा को देखते हुए मेरे द्वारा 23 मार्च 2023 को जिला दुर्ग के पटेल चौक से दोपहर 12:00 बजे पुलिस विभाग द्वारा प्रदाय किया गया किट, पेटी मय संपूर्ण सामग्री को लेकर पद यात्रा कर नवा रायपुर, पुलिस मुख्यालय में जाकर अधिकारियों को अपना त्यागपत्र सौंपा जाएगा और निवेदन किया जायेगा कि मेरे त्याग पत्र के बाद जो भी सी. पी.एफ. राशि मिलेगी, उस राशि से एक पुलिस जवान को मकान बना कर दिया जाए और जो भी पेंशन मिले, उससे पुलिस परिवार के बच्चों के पढ़ाई में उपयोग किया जाये एवं जवानों को उनका हक देकर शोषण बंद किया जाए व गुनाहगार अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए।