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सेजस ने बेरला के बच्चों को अंग्रेजी में बात करना सिखाया, प्राइवेट स्कूलों से बेहतर शिक्षा मिल रही

सेजस ने बेरला के बच्चों को अंग्रेजी में बात करना सिखाया, प्राइवेट स्कूलों से बेहतर शिक्षा मिल रही


हिंदूवादी न्यूज। बेरला

बेरला का आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल आसपास के क्षेत्र में रोल मॉडल बनकर उभरा है। यहां पढ़ने वाले बच्चे आज अंग्रेजी में बात कर रहे हैं। स्कूल में प्राइवेट स्कूलों से बेहतर शिक्षा मिल रही है। इसके चलते स्कूल की चर्चा आसपास के क्षेत्रों में बढ़ी है। स्कूल की प्राचार्य अर्चना साव ने हिंदूवादी से बात करते हुए कहा कि वे मार्च 2023 से स्कूल मे पदस्थ हैं। शासन की महत्वाकांक्षी योजना स्वामी आत्मानंद स्कूल को आज देखा जा रहा है। इसके क्या फायदा है, इस बारे अब समझ आ रहा है। उन्होंने कहा कि सारे टीचर्स प्राईवेट स्कूल से पढ़े हुए हैं, जो यहां बच्चों को शिक्षा देने आए है। पहले की तुलना में यहां की पढ़ाई का स्तर काफी सुधरा है। सरकार बच्चों से कोई भी फीस नहीं लेती है। लिमिटेड सीट होने के बाद यहां लॉटरी सिस्टम से बच्चों का आत्मानंद स्कूल में प्रवेश होता है। आत्मानंद में बच्चों का प्रवेश पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाता है। कोरोनाकाल के बाद ही आत्मानंद स्कूल की शुरुवात हुई, जहां एक ओर यहां पहले 450 की दर्ज संख्या थी, जो आज 650 हो गई है। 3 साल बाद आज आत्मानंद स्कूल की लोकप्रियता बहुत बढ़ी है। बच्चों को बैठने की जगह कम पड़ती है। पहले के समय में एल के जी, यू के जी नही थी।नई भर्ती में 3 लोग आए है, जबकि 14 टीचर्स यहां है। जिनके नाम व्याख्याता भौतिकशास्त्र राधवेंद्र डडसेना, वाणिज्य ऋषिता तिवारी,सामाजिक विज्ञान में आकांक्षा सिंह नए पदस्थ हुए हैं। और अभी आने वाले समय में नए शिक्षको की भर्ती हो सकती है। पांच लाख की राशि स्कूल के रख रखाव के लिए साल में प्राप्त होती है।स्थानीय प्रशासन का भी अच्छा सहयोग प्राप्त होता रहा है। विधायक आशीष छाबड़ा द्वारा स्कूल को वाटर कूलर भी प्रदान किया गया । म्यूजिक सिस्टम भी इन्हें दान में मिला । छत्तीसगढ ओलंपिक का कार्यक्रम भी हुआ, जिसके मुख्य अतिथि विधायक आशीष छाबड़ा रहे, इस संस्कृति से जुड़े हुए पारंपरिक भारतीय खेल को शिक्षको और बच्चों ने बहुत पसंद किया। इससे लगता है, आने वाले समय में शासन की यह योजना नींव का पत्थर साबित होगी।