दुर्ग। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष व सहकारिता नेता प्रीतपाल बेलचंदन ने अपने 69दिन के जेलयात्रा के लिए राज्य की कांग्रेस सरकार के साजिश को जिम्मेदार ठहराया है। बुधवार को श्री बेलचंदन ने मीडिया से चर्चा में कहा कि गोदाम निर्माण में सब्सिडी और एक मुश्त
समझौता में किसानों की ऋण माफी को लेकर 15 करोड़ रुपए की हेराफेरी के आरोप में 6 धाराओं के तहत उन्हे जल्दबाजी में गिरफ्तार कर केन्द्रीय जेल दुर्ग भेजा गया था। लेकिन 15 करोड़ का आरोप लगाने वाले लोग हाईकोर्ट में पेश किए
गए चालान में 15 पैसे का भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए। जिसकी वजह से इस मामले में मुझे जमानत मिली है। यह सत्य की बड़ी न्यायिक जीत है। जिससे आरोप लगाने वालों की मंशा स्पष्ट हो गई है कि वे मुझे राजनीतिक द्वेषवश
झूठे मामले में फंसाकर दुर्ग,बालोद व बेमेतरा जिला में सहकारिता के बढ़ते प्रभाव को खत्म करने की बड़ी साजिश रची थी। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन ने कहा है कि मध्यप्रदेश के विभाजन के बाद हमें दयनीय स्थिति में सहकारिता का क्षेत्र प्राप्त हुआ था। मर्यादा में रहकर हमने छत्तीसगढ़ में सहकारिता को उंचाईयों में पहुंचाया है। जो सहकारिता विरोधी ताकतों को रास नहीं आ रहा था। सहकारिता को लेकर भाजपा ने कभी राजनीति नही की है। इसलिए दुर्ग, बालोद व बेमेतरा जिला में किसानों
को सहकारिता के माध्यम से सुविधाएं मिल रही है। यहां सहकारिता काफी मजबूत है। जबकि इसके विपरित मध्यप्रदेश के विभाजन के पूर्व और छत्तीसगढ़ बनने के
बाद के कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपने कार्यशैली से सहकारिता
की हत्या की है। उनके बताए मार्ग पर छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री
भूपेश बघेल भी चल रहे है। इसलिए किसान सहकारिता के माध्यम से मिलने वाले लाभ से वंचित हो रहे है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन ने कहा है कि हम सहकारिता विरोधी ताकतों से डरने वाले
नहीं है। ऐसे लोगों का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। गांव-गांव में जाकर किसानों को उनकी असलियत बताएंगे और सहकारिता को बचाने ऐसे लोगों के खिलाफ लड़ते रहेंगे। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन ने कांग्रेस शासन में बैंक में हुए तालपत्री, सुतली, भूसा व रंग खरीदी में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े सवालों के जवाब में कहा कि इस भ्रष्टाचार की संभागायुक्त दुर्ग से शिकायत की गई है। अगर मामले में भ्रष्टाचार नहीं हुआ है तो जांच रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही
है। जांच रिपोर्ट सार्वजनिक होने पर सच्चाई खुद ब खुद सामने आ जाएगी।
माडिया से चर्चा के दौरान श्री बेलचंदन के साथ जिला सहकारी केन्द्रीय
बैंक के संचालक मंडल सदस्य शिव चंद्राकर, रमाकांत द्विवेदी, व्यास नारायण देवांगन, प्रेमलाल साहू, चुम्मन लाल साहू, कमलनारायण वर्मा भी मौजूद थे।