छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक परंपरा को निभाते हुए गोड़ संप्रदाय के लोगों ने गौरी गौरा की मूर्ति स्थापित कर विधि विधान से पूजा अर्चना की। लक्ष्मी पूजन के दूसरे दिन गौरा गौरी की शोभा यात्रा निकालकर गांव की समृद्धि और खुशहाली के लिए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कामना की। गांव में अच्छी पैदावार हो ,अच्छी फसल हो, पशुधन सुरक्षित रहे, इसलिए गौरी गौरा का पूजन लोगों द्वारा किया गया। साथ ही आज के दिन कृष्ण भगवान ने गोवर्धन पर्वत उठाकर इंद्र भगवान के प्रकोप से ब्रज वासियों की रक्षा की थी। इसलिए इस परंपरा को निभाते हुए यादव समाज के लोग कृष्ण भगवान की पूजा करते हैं। गोवर्धन पर्वत की पूजा करते हैं । मोहभट्ठा, परापोड़ा , कोदवा और बेमेतरा के विभिन्न स्थानों पर गौरी गौरा का पूजन किया गया और यादव समाज द्वारा राउत नाचा भी कई जगह में होता है गोवर्धन पर्वत के प्रतीकात्मक रूप गोबर से प्रतिमा बनाकर उसे सजाया जाता है और उसी की पूजा की जाती है।