बिजनेस डेस्क/नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत 2027-28 तक पांच ट्रिलियन डॉलर से अधिक की जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बात कही है। वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान में 50 करोड़ से अधिक भारतीयों के पास बैंक खाते हैं, जबकि 2014 में यह संख्या 15 करोड़ थी। वित्त मंत्री ने बताया है कि भारत को पिछले 8-9 साल में 595 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला है।
वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में बोलीं वित्तमंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रुढि़वादी अनुमानों के हिसाब से भी भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार वर्ष 2047 तक 30 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा। सीतारमण ने वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ”संभव है कि हम वित्त वर्ष 2027-28 तक तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे और हमारी जीडीपी उस समय तक पांच लाख करोड़ डॉलर (पांच ट्रिलियन डॉलर) से अधिक हो जाएगी। एक रुढि़वादी अनुमान है कि वर्ष 2047 तक हमारी अर्थव्यवस्था कम-से- कम 30 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी।
इस समय भारत लगभग 3.4 लाख करोड़ डॉलर के जीडीपी के साथ दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। अभी अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी उससे आगे हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत की दर से बढऩे का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसकी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी।
पिछले आठ-नौ वर्षों के दौरान 595 अरब डॉलर विदेशी निवेश आया
वाइब्रेंट गुजरात समिट 2024 के दौरान सीतारमण ने कहा कि भारत को वर्ष 2023 तक 23 वर्षों के दौरान 919 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस एफडीआई का 65 प्रतिशत यानी 595 अरब डॉलर नरेन्द्र मोदी सरकार के पिछले आठ-नौ वर्षों के कार्यकाल में आया है। उन्होंने वित्तीय समावेशन का जिक्र करते हुए कहा कि बैंक खाता रखने वाले लोगों की संख्या 50 करोड़ हो गई है जबकि 2014 में 15 करोड़ लोगों के पास ही बैंक खाते थे।