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योगेश तिवारी के अड़ंगे से अवधेश को मिली थी हार, जीत गए थे छाबड़ा


बेमेतरा में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी बिसात बिछने लगी है। जोड़ तोड़ और मतदाता को लुभाने हर हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। पिछले बार अप्रत्याशित रूप से इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी। आशीष छाबड़ा भाजपा के दिग्गज नेता अवधेश चंदेल को हराने में सफल हो गए थे। अवधेश चंदेल के जीत का गणित पिछले बार योगेश तिवारी ने बिगाड़ दिया था। माना जाता है कि चुनाव में उनके अड़ंगे की वजह से ही अवधेश चुनाव हार गए थे। चुनाव में आशीष छाबड़ा को 74914 वोट मिले। अवधेश चंदेल को 49783 वोट से ही संतोष करना पड़ा। योगेश तिवारी ने खेल बिगाड़ते हुए 28335 वोट पाए। जबकि अवधेश और आशीष के बीच जीत हार का अंतर 25131 रहा। बता दें कि योगेश तिवारी पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के करीबी रहे हैं। लंबे समय तक वे रायपुर में कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय रहे। जोगी के निधन के बाद उन्होंने बेमेतरा का रुख किया। वर्तमान में वे भाजपा के सदस्य नहीं हैं। लेकिन उनकी राजनीति भाजपा के इर्द गिर्द घूम रही है। वे भाजपा बेमेतरा सीट से टिकट चाह रहे हैं, लेकिन अवधेश चंदेल यहां के स्थापित नेता हैं। उनका व्यापक जनाधार है। वे विधायक भी रह चुके हैं।

बेमेतरा में छत्तीसगढ़िया वर्सेस बाहरी का मुद्दा गर्माया

इस चुनाव में बेमेतरा में छत्तीसगढ़िया वर्सेस बाहरी का मुद्दा गरमा गया है। प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़िया कार्ड खेला जा रहा है। बेमेतरा में वर्तमान विधायक को ही स्थानीय लोगों ने बाहरी बताना शुरू कर दिया है। भाजपा के नेता बाहरी के इस मुद्दे को कैश कराने में जुट गए हैं। भाजपा नेताओं ने कहा कि इस बार किसी बाहरी को टिकट नहीं दिया जाना चाहिए। इधर कांग्रेस में भी साहू, कुर्मी या अन्य किसी स्थानीय को टिकट दिए जाने की मांग उठने लगी है। इसके चलते ही 10 से ज्यादा कांग्रेस नेताओं ने टिकट के लिए दावेदारी ठोक दी है। इससे आशीष छाबड़ा की मुश्किलें बढ़ गई है।

 

 

 

हिंदूवादी रिपोर्टर बेमेतरा, ,,