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बेमेतरा में मीडिया को विधानसभा चुनाव कवरेज के लिए प्रवेश पास जारी नहीं हो रहा

बेमेतरा में मीडिया को विधानसभा चुनाव कवरेज के लिए प्रवेश पास जारी नहीं हो रहा


बेमेतरा में मीडिया को विधानसभा चुनाव कवरेज के लिए प्रवेश पास जारी नहीं हो रहा

बेमेतरा जिले में जनसंपर्क विभाग की भर्राशाही चल रही है। यहां चेहरा देखकर कथित रूप से एजेंडा तय कर रिपोर्टिंग करने वालों को ही विधानसभा चुनाव के लिए प्रवेश पास देने की तैयारी की गई है। गलत जानकारी देकर फ्री लांसर, पोर्टल और सोशल मीडिया के जरिए रिपोर्टिंग करने वालों को चुनावी कवरेज से रोकने की साजिश की जा रही है। जबकि केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने इसे लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया संस्थानों की तरह इन्हे भी कवरेज के लिए अनुमति दी जानी है। बेमेतरा का जनसंपर्क विभाग सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर काम कर रहा है। जब कुछ पत्रकार शुक्रवार को आपत्ति करने पहुंचे तो उन्हें प्रवेश पास जारी नहीं होने की बात कहकर लौटा दिया गया। जब पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी पीएस एल्मा से करने की बात कही गई तो यहां तक कहा गया कि वे कुछ नहीं कर सकते। सारे अधिकार परासर जी के पास हैं, बता दें कि परासर जी जनसंपर्क विभाग में पदस्थ हैं। इस मामले में कलेक्टर एल्मा ने कहा कि वे नियम और शर्तों की जानकारी परीक्षण कराएंगे। इसके बाद नियम के अनुरूप अनुमति जारी की जायेगी। वर्तमान में आचार संहिता लागू है। आई स्थिति में इस तरह की बातें मीडिया में आने के बाद भाजपा ने भी मोर्चा खोल दिया है। भाजपा ने कहा कि देश के चौथे स्तंभ की आवाज को दबाने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है। पत्रकारों को इस लिए रोका जा रहा है कि वे चुनाव के समय का सच जनता को न दिखा सकें। ये मीडिया के अधिकारों का हनन है। देश की लोकतांत्रिक और पारदर्शी व्यवस्था में कुंठारघात करने जैसा है। इधर सोशल मीडिया से जुड़े पत्रकारों ने इसे लेकर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। हिंदूवादी संवाददाता योगेश तिवारी ने कहा कि हमें कवरेज करने से कोई नहीं रोक सकता। मीडिया से पहले हम एक आम नागरिक भी हैं। संविधान में सभी को बराबरी का अधिकार है। बोलने की स्वतंत्रता है, समान अधिकार प्राप्त हैं। केवल चेहरा और बैनर देखकर प्रवेश पास जारी करना पूरी तरह गलत है। इसे लेकर वे जरूरत पड़ने पर कोर्ट में भी याचिका दायर करेंगे। ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इधर पोर्टल से जुड़े अन्य पत्रकारों ने इस विरोध को समर्थन दिया है। बता दें कि पूरे देश में इस समय सोशल मीडिया की खबरों की धूम है। तेजी से इसका ग्राफ बढ़ रहा है। पिछले दिनों न्यूज क्लिक खासा चर्चा में रहा। कई बड़े पोर्टल इन दिनों देश में अपनी न्यूज का लोहा मनवा रहे हैं। उत्तरप्रदेश न्यूज नाम से एक पोर्टल लॉन्च होने जा रहा है। इसके अलावा कई बड़े पत्रकार इन दिनों पोर्टल के माध्यम से ही पत्रकारिता कर रहे हैं। इसके बाद भी बेमेतरा जैसे जिले में पत्रकारों को रोकने की कोशिश हो रही है। जबकि प्रदेश के अन्य जिलों में अनुमति जारी की जा रही है।