दुर्ग। विगत दिनों नारायणपुर में धर्मान्तरित ईसाईयों द्वारा आदिवासी समाज पर किए गए हमले पर प्रदेश शासन और कांकेर जिला प्रशासन द्वारा पक्षपातपूर्ण कार्यवाही की गई जिसके अंतर्गत दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की बजाय प्रतिक्रियास्वरूप विरोध कर रहे अबोध आदिवासियों के विरुद्ध पुलिस प्राथमिकी दर्ज किए जाने के विरोध में सर्व हिंदू समाज के तत्वावधान में दुर्ग स्थित पुराना बस स्टैंड में धरना सत्याग्रह कर धर्मांतरण करने वाली मिशनरियों प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन को चेतावनी दी गई। धरना सत्याग्रह के अंत में जिला प्रशासन के अधिकारी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे, जहां समाज प्रमुखों ने हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सौंपा। जिसमें धर्मांतरण की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने, ईसाई मिशनरियों द्वारा प्रार्थना सभा में प्रलोभन एवं यीशु के चमत्कार की झूठी कहानी गढ़ने वालों पर कड़ी कार्यवाही किए जाने, नवधर्मान्तरितों के कारण समाज में बढ़ती वैमनस्यता को दूर करने के लिए हिंदू संस्कृति का अपमान करने वाले ईसाइयों पर कड़ी कार्यवाही किए जाने, नारायणपुर में हिंसा करने वाले ईसाई दोषियों पर कार्यवाही किए जाने तथा 2 जनवरी को नारायणपुर में हुई घटना के बाद आरोपी बनाए गए निर्दोष जनजाति ग्रामीणों पर लगे प्रकरण वापस लेकर उनकी नि:शर्त रिहाई की मांग की गई।
धरना सत्याग्रह में हजारों की संख्या में उपस्थित सर्व हिंदू समाज के प्रबुद्धजनों, महिलाओं एवं युवाओं ने धर्मांतरण के विरुद्ध एक स्वर से आवाज उठाई, इस दौरान पृथक पृथक समाज प्रमुखों ने धर्मांतरण के खिलाफ अपने उदगार व्यक्त किए।
सर्व समाज प्रमुख कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि धर्मान्तरित हो चुके ईसाई परिवार द्वारा अपने परिवारिक सदस्य की मृत्यु पश्चात हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करने हेतु हिंदू समाज में वापसी की, जिससे बौखलाकर अलग-अलग जगहों से एकत्रित होकर ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा गांव में जमकर उत्पात मचाया गया, जिस पर पुलिस मौन बनी रही और जब इसके विरुद्ध आदिवासी ग्रामवासियों द्वारा जिला प्रशासन से संपर्क करना चाहा तो प्रशासन के उकसावे पर हिंसात्मक घटना हुई। इस संपूर्ण घटनाक्रम में ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा नारायणपुर के गांव में उत्पात किए जाने की घटना को भुला दिया गया जिस घटना के प्रतिक्रिया स्वरूप आदिवासी समाज ने आक्रोशित होकर प्रतिक्रिया की उस घटना पर पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की, ये बहुत ही शर्मनाक है। धर्मांतरण से कोई समाज अछूता नहीं है, वनवासी अंचल हो या भिलाई शहर हो चारों तरफ धर्मांतरण का खेल चल रहा है और यह बहुत बड़ी विडंबना है कि धर्मांतरण के गैरकानूनी खेल में पुलिस का भी संरक्षण है।
ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधि के रूप में प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि सनातन संस्कृति के मजबूत होने से राष्ट्र मजबूत होगा इसीलिए सनातनियों को पथभ्रष्ट करने के लिए धर्मांतरण का कुचक्र चलाया जा रहा है क्योंकि धर्मांतरण राष्ट्रांतरण की पहली सीढ़ी है। 1947 में देश का विभाजन का आधार भी धर्म ही था। उन्होंने कहा कि धर्मप्रचार सबका संवैधानिक अधिकार है, लेकिन धर्म प्रचार की आड़ में धर्मांतरण करने का किसी को अधिकार नहीं है। ऐसे विघटनकारी तत्वों को प्रदेश की सरकार का संरक्षण मिल रहा है। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने बहुत समय पहले यह पत्र लिखकर जानकारी दे दी थी कि वनवासी अंचलों में जमकर धर्मांतरण हो रहा है जिससे आने वाले समय में आदिवासी अंचलों में वर्ग संघर्ष की स्थिति पैदा होगी, लेकिन ऐसी ईमानदार टिप्पणी करने वाले पुलिस अधिकारी को जानबूझकर सजा देते हुए किनारे कर दिया गया। प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री नकली राम भक्त बन कर लोगों को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कवासी लखमा जैसे मंत्री आदिवासियों का आदिवासी से लड़ाने का काम कर रहे हैं।
साहू समाज के प्रतिनिधि के तौर पर डॉ दयाराम साहू ने कहा कि साहू समाज धर्मांतरण से उतना ही पीड़ित है जितना वनवासी समाज है, साहू समाज के लोग बेहद भावुक होते हैं, उन पर भावनात्मक दबाव बनाकर धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है। डॉ. साहू ने ताजा घटनाक्रम को सुनाते हुए कहा कि पिछले दिनों साहू समाज की बालिकाओं को भी फ्री ट्यूशन के बहाने बुलाकर प्रार्थना करवाते हुए धर्मान्तरित कराने का प्रयास किया गया। धर्मांतरण छत्तीसगढ़ की अस्मिता और संस्कृति के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
सर्व कुर्मी समाज की महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष लता ऋषि चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सभी समाज के लोग एक दूसरे के तीज त्यौहार का सम्मान करते हुए मिलजुल कर रहते हैं, ऐसे में धर्मांतरण करके यहां की संस्कृति और सौहार्दपूर्ण वातावरण को नष्ट करने का प्रयास शासन और अधिकारियों के संरक्षण पर चल रहा है, जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है।
उत्कल समाज के प्रतिनिधि डॉ. देवनारायण तांडी ने कहा कि ईसाई मिशनरी का टारगेट झुग्गी बस्तियों में रहने वाले आर्थिक रूप से निर्धन और वनवासी समाज के लोग अधिक बन रहे हैं। मदद और प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने के लिए अपार विदेशी धन मिशनरियों को मिल रहा है जिसके कारण भोले भाले सनातनी इनके खेल में फस रहे हैं। उत्कल समाज ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण के कुचक्र की घोर भर्त्सना करता है।
तमेर समाज की ओर से राजेश ताम्रकार ने कहा कि हिंदू सनातन धर्म पर चोट करने के लिए धर्मांतरण का कुचक्र ईसाई मिशनरियों द्वारा चलाया जा रहा है जिसके खिलाफ हिंदू समाज को सजग रहने की आवश्यकता है।
धरना सत्याग्रह में प्रमुख रूप से देवांगन समाज के प्रतिनिधि चेतन देवांगन, सेन समाज के प्रतिनिधि मदन सेन, सतनामी समाज के प्रतिनिधि संतोष मार्कंडेय, द्वारका चंद्रवंशी, प्रतिनिधि लोधी समाज के प्रतिनिधि पारस जंघेल एवं सुरेंद्र कौशिक, गुर्जर समाज के प्रतिनिधि अनिल गुर्जर, मेहर समाज के प्रतिनिधि कन्हैया लहरी, आदिवासी समाज तुलसी ध्रुव , राजू नेताम, वैष्णव समाज के प्रतिनिधि मनीष वैष्णव, कसौधन वैश्य गुप्ता समाज के प्रतिनिधि शारदा गुप्ता जैन समाज के प्रतिनिधि अमर सुराना, हरयाणवी समाज से शेर सिंह, सुभाष पांचाल, कुम्भकार समाज सिक्ख समाज सहित विभिन्न जाति बिरादरी के प्रमुख उपस्थित रहे। साथ ही बृजेश बिचपुरिया, जितेन्द्र वर्मा, प्रभुनाथ मिश्रा, ललित चन्द्राकर, सहित हजारों की संख्या में गणमान्य नागरिक, महिलाएं और युवा शामिल हुए।