दुर्ग नगर की निगम के महापौर धीरज बाकलीवाल के तीसरे वर्ष के बजट पर पूर्व महापौर चंद्रिका चंद्राकर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस शासित निगम में तीन साल बीतने के बाद भी वर्तमान महापौर परिषद द्वारा अब तक कोई नई योजना चालू नहीं कर पाना व अपनी व्यवसायिक सोच के चलते ऐतिहासिक स्थल के रूप में स्थापित महात्मा गांधी स्कूल के प्रांगण को बेचा जाना शहर की जनता के लिए बेहद दुर्भाग्यजनक है पूर्व मेयर चंद्रिका चंद्रकार ने वर्तमान कांग्रेसी परिषद को विकास से लेकर प्रशासनिक स्तर तक सभी मोर्चों में फैलकर बताते हुए कहा कि बजट नगर विकास का दर्पण होता है निगम के नेतृत्व कर्ता से लेकर प्रत्येक एमआईसी सदस्यो का बजट तैयार कराने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है लेकिन आगामी वर्ष 2023 -24 की लगभग 384करोड़ की आय व्यय पत्रक को अवलोकन पर ज्ञात होता है की यह बजट कल्पना व यथार्थ की धरातल से भी परे है पूरे बजट भाजपा की पूर्व परिषद वाली योजनाओं का ही कापी पेस्ट है ।
पूर्व महापौर चंद्रिका चंद्राकर ने वर्तमान मेयर धीरज बाकलीवाल व शहर विधायक अरुण वोरा को दुर्ग के विकास का बड़ा बाधक बताते हुए कहा की वोट बैंक की राजनीतिक सोच के चलते शहर विगत 3 चार सालो में बीस साल पीछे चला गया है तत्कालीन महापौर सरोज पाण्डेय की विकास परक सोच से इतर यह परिषद में केवल भ्रष्टाचार और बगैर प्लानिग के मनमाने कार्य चल रहे है कभी शहर की पहचान रहने वाले गौरव पथ अब सिकुड़कर सकरा मार्ग दिखाई दे रहा है शहर के प्राचीन वाटर बाडी एरिया ठगड़ा बांध जहा शहर के लोगो को एक बेहतर पिकनिक स्पॉट क्षेत्र मिले इस सोच को ध्यान में रखते हुए पूर्व कि हमारी भाजपा परिषद में स्वीकृति हुए 14 करोड़ की अधिक लागत की यह परियोजना करोड़ो फूकने के बाद भी आकर नही ले पाया है शहर के प्रत्येक घरों में पानी पहुंचाने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा दिए अमृत मिशन में करोड़ो खर्च करने के बाद भी अभी तक सभी वार्डो में समान रूप से पानी नहीं पहुंचा पाया है इसी प्रकार चार साल पहले हमारे कार्यकाल में शुरू हुए शंकर नाला सुदृढ़ीकरण कार्य अभी तक कंप्लीट नहीं हो पाया है कामकाजी महिलाओं के लिए पूर्व के कार्यकाल में शुरू किए गए वर्किंग वुमन हॉस्टल लोकार्पण के एक साल बाद भी महिलाओं के रहने के लिए उपलब्ध नहीं करा पाया है पूर्व महापौर चंद्रिका चंद्राकर ने आगे कहा की निगम में विगत तीन साल में कई काबिल अधिकारियों ने सत्तारूढ़ परिषद के प्रतारना भ्रष्ट सोच के चलते नौकरी छोड़ दी जो कभी शहर विकास में अपनी योगदान देते थे इस प्रकार विगत 3साल में मेयर धीरज बाकलीवाल की परिषद पूरी तरह असफल व उपलब्धि शून्य है।
मेयर बाकलीवाल का बजट कल्पना और धरातल से परे, न सोच है न विजन, सारी योजनाएं कापी पेस्ट : पूर्व महापौर चंद्रिका चंद्राकर