दुर्ग में सफाई के नाम पर जमकर गड़बड़ी की जा रही है। शहर को जीरो वेस्ट घोषित किया गया है। दावा किया गया कि घरों, दुकानों से निकलने वाला कचरा एसएलआरएम सेंटरों में ही प्रोसेस कर खाद बना जा रहा। प्लास्टिक और कांच को बेचा जा रहा, लेकिन इसके नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही। कचरा आज भी वार्डों में डंप हो रहा, चौक चौराहों पर जलाया जा रहा। यहां तक जो कचरा एसएलआरएम सेंटर पहुंच रहा, उसे भी सुनियोजित तरीके से ट्रेंचिंग ग्राउंड और शहर के आउटर में डंप कर दिया जा रहा। या फिर जला दिया जा रहा। यहां यह बताना जरूरी है कि स्वच्छ भारत मिशन और मिशन क्लीन सिटी के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं। एक एक एसएलआरएम को तैयार करने में 24 लाख रुपए तक खर्च किए गए। 12 से ज्यादा सेंटर बनाए गए हैं। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन से लेकर कचरे से खाद बनाने के नाम पर और इसे बेचने के नाम पर ही लगातार शासन स्तर पर गलत जानकारी भेजी जा रही है।
न रोज झाड़ू लग रहा न ही नालियां साफ हो रही
निगम के अधिकांश वार्डों में न नियमित झाड़ू लगाए जा रहे हैं और न ही नालियां साफ हो रहीं हैं। शहर के आउटर और कालोनी वाले वार्डों में ज्यादा स्थिति खराब है। हफ्तों झाड़ू नहीं लग रहे हैं। शिकायत करने पर एक दिन सफाई कराई जाती है, दूसरे दिन हालत जस के तस हो जाते हैं। निगम द्वारा वार्डों में पदस्थ सुपरवाइजर से आपत्ति करने पर हर दिन सफाई का नियम नहीं होने की बात कह दी जाती है। इस लेकर सफाई के नाम पर टैक्स तो लिया जा रहा पर सुविधा नहीं दी जा रही।
कचरा नहीं उठने पर हिंदूवादी को भेजें फोटो, रोज खबर लिखेंगे, महापौर से जवाब लेंगे
आप मोबाइल नंबर 98279 26722 पर वॉट्सएप पर पता और फोटो भेज सकते हैं। यह भी बताए कि कब से सफाई नहीं हुई है।
आमदी मंदिर वार्ड 24
ग्रीन चौक दुर्ग
इधर रविवार सफाई को लेकर चलाया अभियान, तालाब के आसपास सफाई का दावा
महापौर धीरज बाकलीवाल एवं आयुक्त लोकेश चन्द्राकर के निर्देश पर स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली के नेतृत्व में स्वच्छता टीम बनाकर विशेष सफाई अभियान चलाया जा रहा है, जिसके माध्यम से आम नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है।शहर के 60 वार्डो के क्षेत्र में वार्ड वार कचरे का सफाया करने लगातार सफाई अभियान चलाया जा रहा है। शहर के सड़कों के किनारे बिखरे हुए झिल्ली,पन्नी के कचरे का उठाव किया जा रहा है। बता दे कि बिखरे हुए सड़को पर पड़े झिल्ली, पन्नी का कचरा नालियों में जाने के कारण पानी निकासी में अवरोध उत्पन्न होता है,जिससे नाली सफाई करने में तकलीफ होती है। शहर में प्रतिदिन सुबह कचरों के उठाव होने के साथ ही नालियों की सफाई किया जा रहा है। सफाई पश्चात नालियो में चूना व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी किया जा रहा है।