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भाजपा का आरोप जल जीवन मिशन में 100 करोड़ से ज्यादा का घोटाला, विधानसभा में किया बहिर्गमन, मंत्री रूद्र कुमार नहीं दे पाए जवाब

भाजपा का आरोप जल जीवन मिशन में 100 करोड़ से ज्यादा का घोटाला, विधानसभा में किया बहिर्गमन, मंत्री रूद्र कुमार नहीं दे पाए जवाब


भाजपा का आरोप जल जीवन मिशन में 100 करोड़ से ज्यादा का घोटाला, विधानसभा में किया बहिर्गमन, मंत्री रूद्र कुमार नहीं दे पाए जवाब
हिंदूवादी। न्यूज
जल जीवन मिशन में रि-टेंडरिंग, 95 कार्यों का टेंडर निरस्त करने और एबो में ठेकेदार को 30 प्रतिशत ज्यादा में काम दिए जाने कई अन्य विषयों को लकेर भाजपा ने विधानसभा में सत्तापक्ष कांग्रेस की सरकार को घेरा। भाजपा के विधायकों ने आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन में 100 करोड़ से ज्यादा का घोटाला किया गया है। कार्य पहले ही देर से चल रहा है। इसके बाद मनमाने ढंग से ठेकेदार को काम देने के लिए सारा खेल किया गया। इसका नुकसान आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। इस मामले में पीएचई मंत्री रूद्र कुमार विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दे पाए। इधर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने भी मामले में विपक्ष की जांच समिति गठित किए जाने की मांग को नकार दिया। इसके बाद भाजपा के धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, कृष्ण कुमार बांधी, बृजमोहन अग्रवाल सहित अन्य विधायकों ने जमकर नारेबाजी की। बाद में विपक्ष का वाकआउट भी किया।
इधर पूरे मामले में जल जीवन मिशन के मुद्दे पर सत्र के पहले ही दिन पीएचई मंत्री रूद्र गुरू सदन में घिर गए। विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी मंत्री को सदन में घेरा। मंत्री इस पूरे मामले में सदस्यों को संतुष्ट नहीं कर पाए। भाजपा विधायकों ने इस पूरे मामले में सदन से वॉक आउट कर अपना विरोध जताया।

दरअसल, विधानसभा में प्रश्नकाल में कृष्णमूर्ति बांधी ने यह सवाल उठाया। उन्होंने जल जीवन मिशन के टेंडर में खेला होने और केंद्र के फंड के बंदरबांट का आरोप लगाया। बांधी ने कहा, टेंडर ज्यादा रेट में दिए गए, यही खेला है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने इसे 100 करोड़ के घोटाले का मामला बताया।

उन्होंने इस पूरे मामले को जनता के पैसे की लूट करार दिया। उन्होंने इस मामले की सदन की समिति से जांच कराने की मांग की। मंत्री रूद्र गुरू ने अपने जवाब से भाजपा विधायकों को संतुष्ट करने का प्रयास किया, लेकिन नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने यह कहते हुए कि हम मंत्री के जवाब से असंतुष्ट हैं, इसलिए सदन से बहिर्गमन करते हैं।

इससे पहले भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, 1 जुलाई 2022 को जब एसओआर जारी हुआ तो 15 जुलाई 2022 के बाद का टेंडर क्यों निरस्त किया गया। उन्होंने कहा, जब ठेकेदार की कमी है तो टेंडर स्पिलिट क्यों कर रहे हैं।

जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार का अड्‌डा बना हुआ है। एक अन्य सवाल में कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने बालोद जिले में जल जीवन मिशन के धीमी रफ्तार का सवाल उठाया और इसके लिए दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की। जवाब में मंत्री ने वास्तव में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई का आश्वासन दिया।

विपक्ष के सवाल

कृष्णमूर्ति बांधी : बिलासपुर जिले में 15 जुलाई से 7 दिसंबर 2022 तक कितने टेंडर निकले और कितने रिटेंडर हुए। इन टेंडरों के संबंध में कितनी शिकायतें मिली और उन पर क्या कार्रवाई हुई?
धरमलाल कौशिक : एसओआर में वृद्धि कब की गई और क्यों की गई?
शिवरतन शर्मा : क्या इस पूरे प्रक्रिया की सदन की समिति बनाकर जांच कराएंगे?
जीरो कॉल या सिंगल कॉल आने के कारण हुआ रीटेंडर: रूद्र गुरू

मंत्री रूद्र गुरू ने कहा, बिलासपुर जिले में 15 जुलाई से 7 दिसंबर 2022 के बीच 201 टेंडर निकाले गए। इनमें से 80 टेंडर को रीटेंडर किया गया, जबकि 15 टेंडर के समय सीमा में संशोधन किया गया। कोई भी निविदा ऑफ लाइन रिटेंडर नहीं की गई है। विभाग के द्वारा नियम के विरूद्ध टेंडर नहीं किए गए हैं। जिला प्रशासन को 3 शिकायतें मिली थी, जिसका निराकरण कर रिपोर्ट भेज दिया गया है। जीरो कॉल आने या सिंगल कॉल आने की वजह से रीटेंडर करना पड़ा। विपक्ष ने यह भी कहा कि 300 करोड़ का काम एबो में काम दिए जाने की वजह से 400 करोड़ तक पहुंच गया।

सीमेंट कंपनियों के वृक्षारोपण की समिति से जांच की मांग

विधायक कुलदीप जुनेजा ने प्रश्नकाल में सीमेंट संयंत्रों में ग्रीन बेल्ट को लेकर सवाल पूछा। आवास एवं पर्यावरण मंत्री मो. अकबर ने वृक्षारोपण की जानकारी दी। जुनेजा ने बताया कि जितने वृक्षारोपण की बात कही जा रही है, उतने वृक्ष नहीं लगे हैं। उन्होंने विधायकों की समिति से जांच कराने की मांग की। विपक्ष ने भी इसे वायु प्रदूषण से जुड़ा मुद्दा बताते हुए जांच की मांग की। स्पीकर के निर्देश पर अकबर ने विभागीय तौर पर भौतिक सत्यापन कराने का आश्वासन दिया।