घोटालों, गड़बड़ी, अनियमितता, भर्ती नियमों की अनदेखी, शिकायतों की अधूरी जांच, दोषियों पर कार्रवाई नहीं किए जाने की शिकायतों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले कामधेनु विश्विद्यालय में बड़ा फेरबदल हुआ है। यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. एनपी दक्षिणकर शनिवार को अंततः सेवानिवृत हो गए। उनकी जगह अब दुर्ग के संभाग आयुक्त महादेव कावरे वीसी होंगे। उन्हें यह अतिरिक्त प्रभार नए कुलपति के चयन तक दिया गया है। शनिवार को उन्होंने चार्ज भी ले लिया।
संभागायुक्त दुर्ग संभाग कावरे ने शनिवार को दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय में कुलपति का पदभार ग्रहण किया उन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ साथ पशुपालन विकास के लिए काम करने लोगों को प्रेरित भी किया। विश्वविद्यालय के निर्वृत्तमान कुलपति डॉ दक्षिणकर ने उन्हें अपना पदभार दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री सोनवाने, वित्त अधिकारी श्री काले, विभिन्न कॉलेज के अधिष्ठाता श्री मुखर्जी, श्री दत्ता, श्रीमती गुप्ता एवं अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित थे।
पदभार ग्रहण पश्चात संभागायुक्त एवं कुलपति महादेव कावरे एवं निर्वृत्तमान कुलपति श्री दक्षिणकर द्वारा वृक्षारोपण किया गया।
कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय अंतर्गत आने वाले विभिन्न कॉलेज के अधिष्ठाताओ द्वारा श्री दक्षिणकर द्वारा किए गए अभूतपूर्व कार्य की प्रशंसा की गई साथ ही विश्वविद्यालय के लिए उनके द्वारा किए गए योगदान में के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इसके पश्चात श्री महादेव कावरे, कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में भी शासन की महत्वपूर्ण योजना नरूवा गरुवा घुरुवा बाड़ी के लिए भी काफी सहयोग किया गया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी अनुसंधान, अधोसंरचना एवं विद्यार्थियों की शिक्षा के क्षेत्र में भी अनवरत रूप से विभिन्न प्रकार के कार्य किए जाएंगे साथ ही पशुपालन क्षेत्र में बनाई गई योजना का लाभ शहर से गांव के अंतिम छोर में रहने वाले किसानों एवं हितग्रहियों को मिले इस योजना से ही निरंतर कार्य किया जावेगा।
*टीम वर्क के रूप में किए जाने वाले कार्य से मिलती है सफलता -*
श्री कावरे ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि किसी भी टीम की सफलता में टीम के कैप्टन के साथ साथ सभी खिलाड़ियों का योगदान होता है उसी प्रकार विश्वविद्यालय में भी सभी अधिकारी एवं कर्मचारी टीम के रूप में मिलकर कार्य करेंगे जिससे कि विश्वविद्यालय को प्रदेश ही नहीं देश में नई ऊंचाई पर ले जाया जा सकता है।