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नर्सिंग होम एक्ट के मामले में चहेतों को बख्शा जा रहा, कमजोरों पर कार्रवाई

नर्सिंग होम एक्ट के मामले में चहेतों को बख्शा जा रहा, कमजोरों पर कार्रवाई


हिंदूवादी। न्यूज
नर्सिंग होम एक्ट की आड़ में जिले के नर्सिंग होम से ब्लैकमेलिंग शुरू हो गई है। कमजोर और सहयोग नहीं करने वाले नर्सिंग होम पर लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर नर्सिंग होम का संचालन सेंटिंग के दम करने वालों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके चलते छोटे नर्सिंग होम चलाने वालों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उन्होंने रामनगर के एक नर्सिंग होम संचालक और चिखली में संचालित एक नर्सिंग होम संचालक पर आरोप लगाया है कि वे अपनी दुकानदारी को बढ़ाने के लिए छोटे और मझौले नर्सिंग होम पर कार्रवाई करा रहे हैं। जबकि नियम और शर्तों का उल्लंघन उनके यहां भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नर्सिंग होम के तहत तय गाइडलाइन के अनुरूप नर्सिंग होम का संचालन मुश्किल है। काफी कड़े नियम बनाए हैं। इसके अलावा प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलने की वजह से भी एक्ट की शर्तों को पूरा करने में दिक्कत हो रही है। इसे लेकर लगातार शिकायत भी की गई, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया है। सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ कुछ अधिकारी सिर्फ ब्लैकमेलिंग के नाम पर छोटे और मझौले नर्सिंग होम पर कार्रवाई करा रहे हैं।
इन चार नर्सिंग होम पर कार्रवाई, 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया
पिछले दिनों चार नर्सिंग होम पर कार्रवाई की। नियमों का उल्लंघन किए जाने पर उन्हें बंद करने का आदेश दिया गया। साथ ही 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। इन संस्थाओं में श्रीमन डायग्नोस्टिक सेंटर पावर हाउस भिलाई, डॉ. रीता चाबा क्लीनिक पावर हाउस भिलाई, साई मेडिकल स्टोर्स डॉ ज्ञानेश मिश्रा न्यू बसंत टॉकीज के पास सुपेला भिलाई एवं एस.बी.एस. हॉस्पिटल विजय कॉम्प्लेक्स केम्प-02 पावर हाउस भिलाई सहित चार संस्थाओं के संचालकों को नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन करते पाये जाने पर नर्सिंग होम एक्ट की धारा 12 (क) (1) के तहत 20-20 हजार रूपये के जुर्माने से दण्डित किया है। साथ ही उन्होंने लायसेंस प्राप्त होने तक उक्त चारों संस्थाओं का संचालन बंद रखना निर्देशित किया है। जांच दल द्वारा औचक निरीक्षण किया गया था। जिसमें निरीक्षण के दौरान एसबीएस. हॉस्पिटल में मेडिकल डॉयरेक्टर की उपलब्धता नही पाई गयी एवं उससे संबंधित दस्तावेज संस्था संचालक द्वारा जांच दल को उपलब्ध नहीं कराया गया। चिकित्सकीय संस्थान में केवल 01 एम.बी.बी.एस. डॉक्टर की नियुक्ती पाई गयी, जबकि 20 बेड हॉस्पिटल संचालन हेतु मानक रूप से 3 एम.बी.बी.एस. डॉक्टर अनिवार्य है। नगर पालिका निगम भिलाई द्वारा जारी संबंधित संस्था को अनुज्ञप्ति लायसेंस की वैधता समाप्त होना पाया गया, अस्पताल परिसर में उपलब्ध फार्मेसी में फार्मासिस्ट का आभाव पाया गया, एक्स-रे टेक्नीशियन नहीं पाया गया, महिला एवं पुरूष मरीजों के लिए पृथक-पृथक वाशरूम नहीं पाया गया, आई.सी.यू. में कार्यरत स्टॉफ एवं अस्पताल में कार्यरत अन्य स्टाफ निर्धारित शैक्षणिक योग्यता के अनुरूप नहीं पाये गये। इसी प्रकार डॉ. रीता चाबा क्लीनिक पावर हाउस भिलाई, श्री साई मेडिकल स्टोर्स एवं श्रीमन डायग्नोस्टिक सेंटर लैब अंतर्गत डॉ सुमन राव क्लीनिक सहित तीनों संस्थाओं का संचालन बिना नर्सिंग होम एक्ट लायसेंस के किया जाना पाया गया, जो कि नर्सिंग होम एक्ट 2010 व 2013 का उल्लंघन है। दण्डित जुर्माना राशि नोटिस जारी हाने के 5 दिन के भीतर ’’सुपरवाईजरी अथॉरिटी सी.जी. नर्सिंग होम एक्ट डिस्ट्रिक्ट दुर्ग’’ नाम पर बैंक ड्रॉफ्ट बनवाकर कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग में जमा करने निर्देशित किया गया है। साथ ही लायसेंस प्राप्त होने तक चारों संस्थाओं का संचालन बंद रखना निर्देशित किया गया है।
एसआर और स्पर्श हॉस्पिटल के खिलाफ भी होगी जांच
रामनगर भिलाई में संचालित एसआर हॉस्पिटल आवासीय क्षेत्र में संचालित है। इसके अलावा पार्किंग के पर्याप्त इंतजाम हॉस्पिटल में नहीं है। हॉस्पिटल के बाहर सड़क पर बेतरतीब ढंग से वाहन खड़े किए जा रहे हैं। जहां पार्किंग बनाया गया है, वह हॉस्पिटल से 200 मीटर की दूरी पर है। जहां सिर्फ चार पहिया वाहन ही खड़े होते हैं। इसके अलावा अन्य आने वाले दोपहिया वाहन गली और सड़कों पर खड़े किए जा रहे हैं। इसे लेकर स्थानीय लोगों द्वारा लगाता शिकायत भी की जा रही है। आए दिन पहुंचने वाले मरीज और उनके परिजनों का स्थानीय लोगों से विवाद भी हो रहा है, लेकिन इस पर अनदेखी की जा रही है। इसे लेकर शिकायत भी की गई है। लंबे समय से शिकायत के बाद भी जांच नहीं की जा रही थी। सरकार बदलने के बाद अब जांच की तैयारी है। बता दें कि नर्सिंग होम के नोडल डॉ अनिल शुक्ला की यहां नियमित बैठकी है। इसी प्रकार एसआर हॉस्पिटल चिखली के खिलाफ भी लगातार शिकायतें मिल रही है। नियमों को ताक पर रखकर हॉस्पिटल का संचालन किया जा रहा है। अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर और अन्य स्टाफ की भारी कमी है, जरुरत के हिसाब से डाक्टर बुलाए जाते हैं। वर्तमान में इस हॉस्पिटल में पैथोलॉजी लैब टेक्नीशियन, एक्स रे टेक्नीशियन व ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन कोर्स की शुरुआत की गई है। इसकी मान्यता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है।