– भिलाई विधानसभा कार्यालय का हुआ उद्घाटन, प्रेमप्रकाश बोले – भिलाई की खोई पहचान दिलाने, 2 नवंबर से भिलाई बचाओ, कमल खिलाओ अभियान
– भिलाई नगर निगम में 320 करोड़ की आर्थिक अनियमितता का खुलासा, शासन ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा
भिलाई नगर।
भाजपा विधानसभा प्रत्याशी प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने सोमवार को अपने चुनावी कार्यालय का उद्घाटन न्यू खुर्सीपार में किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस सरकार और प्रत्याशी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पिछले 5 सालों में भिलाई की जो दुर्दशा हुई है, वो अब नहीं सहेंगे। 2 नवंबर से भिलाई बचाओ, कमल का फूल खिलाओ अभियान के तहत जनता के बीच जायेंगे और फिर से भिलाई को आगे बढ़ायेंगे। इस दौरान उन्होंने ऑडिटर जनरल की एक रिपोर्ट जारी करते हुए भिलाई नगर निगम में वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान 320 करोड़ की आर्थिक अनियमितता का भी खुलासा किया। उन्होंने कहा कि उस समय भिलाई का मेयर कौन था आप सब जानते हैं। लंबे समय बाद ऑडिट हुआ, इस ऑडिट में 320 करोड़ के अनियमित व्यय का खुलासा हुआ है। यह सीधे तौर पर गड़बड़ी है, जिसका आज तक निगम जवाब नहीं दे पाया है।
उन्होंने कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन किया और कहा कि जनता को बताएंगे कि उन्हें भिलाई बचाना है। भिलाई बचाओ अभियान के तहत घर-घर पहुंचकर लोगों को जागरूक करना है और शिक्षाधानी की पहचान वापस दिलाना है। उन्होंने कहा कि आईआईटी के नाम से पहचाना जाने वाला भिलाई आज महादेव सट्टा आईडी के नाम से जाना जा रहा है। पूरे भिलाई के खुले मैदान ओपन बार बन गये हैं, अपराध का स्तर दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। अब जनता को खुद तय करना है कि उसे क्या चाहिए? भिलाई को बचाना है तो भाजपा को जिताना होगा। उन्होंने कांग्रेस के केजी से पीजी तक निशुल्क शिक्षा पर कहा कि कांग्रेस जनता को गुमराह कर रही है। सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में फीस नाममात्र की होती है , वह माफ करके कांग्रेसी सबको गुमराह कर रहे हैं।
श्री पाण्डेय ने बताया कि नगर निगम भिलाई में एक बार फिर 320 करोड़ की वित्तीय अनियमितता सामने आई है। यह अनियमितता वित्तीय वर्ष 2016-17 में किये गये भुगतान एवं बजट से संबंधित है जिसक ऑडिट कार्यालय उप संचालक, छत्तीसगढ़ राज्य संपरीक्षा दुर्ग द्वारा किया गया है। रिपोर्ट में निगम को आर्थिक क्षति, वाहन संधारण पर व्यय और इंधन व्यय सत्यापन के आभाव में संदिग्ध भुगतान राशि, वाहनों में शासन द्वारा निर्धारित मात्रा से अधिक मरम्मत में व्यय किए जाने से अतिरिक्त व्यय राशि, वाहनों में जीपीएस लोकल ट्रेकिंग सिस्टम लगाए जानें हेतु विविध अग्रिम राशि वसूली योग्य , निर्माण कार्य अभिलेख अप्रस्तुत, निगम निधी से किया गया अनियमित व्यय आदि पर आपत्ति जताई गई है।
ऑडिट रिपोर्ट में इन बातों का खुलासा
– नगर निगम के वित्तीय वर्ष के 237 करोड़ से अधिक बजट पर आपत्ति
– कार्यालय की इस रिपोर्ट में वाहन संधारण पर व्यय और इंधन व्यय सत्यापन के आभाव में संदिग्ध भुगतान राशि 4 करोड़ 79 लाख रुपए दर्ज़ है ।
– भिलाई नगर के विभिन्न निर्माण कार्य में ठेकेदार को अग्रिम राशि 10 करोड़ रुपए से भी अधिक का अनियमित भुगतान की वसूली अपेक्षित दर्ज़ है।
– भिलाई इस्पात संयंत्र अधिपत्य क्षेत्र में निगम मद से किये गये विकास कार्यों से 4 करोड़ रुपए से अधिक राशि का निगम को आर्थिक क्षति।
– केंद्र राज्य प्रवर्तित योजनातर्गत निर्मित आवक/ दुकान/ गुमटी/चबूतरा में अवैध कब्जा/रिक्त होने से निगम को आर्थिक क्षति राशि 1 करोड़ से भी अधिक दर्ज़ है।
– विभिन्न करों की बकाया राशि 324.41 लाख की वसूली शेष
– बकाया अव्ययीत राशि की वापसी अपेक्षित राशि 2 करोड़ से अधिक दर्ज़।
– निर्माण कार्य अभिलेख अप्रस्तुत राशि 23 करोड़ से अधिक दर्ज़।
– विभिन्न निर्माण कार्य में ठेकेदारो को अग्रिम राशि 10 करोड़ का अनियमित भुगतान की वसूली अपेक्षित
– अग्रिम राशि 9 करोड़ से अधिक का समायोजन लंबी अवधि से लंबित
– सामग्री क्रय संबंधी अभिलेख अप्रस्तुत 7करोड़ से अधिक राशि
– आमनत/ धरोहर/ सुरक्षित राशि 1 करोड़ रूपए से अधिक दर्ज़।
– इसके अतिरिक्त विभिन्न व्यय पर आपत्ति दर्ज की गई है।