दुर्ग निगम की सामान्य सभा बैठक में उस समय सब सकते में आ गए जब पूर्व राजस्व विभाग के प्रभारी शिवेंद्र परिहार ने कहा कि वे पूर्व में काजल की कोठरी में रहते हुए भी अपने आपको बचा लिया। शिवेंद्र महात्मा गांधी कांप्लेक्स की पीछे तरफ की जमीन को बेचे जाने के विरोध में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले इस प्रकार का प्रस्ताव लाया गया था, जिसका उन्होंने विरोध किया। आज सारे सदस्यों से अपील है कि अपने माथे में ये कलंक न लगने दें। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने 1995 में भी इस तरह जमीन बेची। अब बेचने की तैयारी है। दुर्ग निगम में 20 साल तक भाजपा का कब्जा रहा। इस दौरान शिवेंद्र तीन बार के पार्षद हैं। दुर्ग निगम में हमेशा से वर्तमान में राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय का दबदबा रहा है। वे दो बार मेयर रहीं। इसके बाद दो मेयर डा एसके तमेर और चंद्रिका चंद्राकर उनका ही आशीर्वाद प्राप्त कर मेयर बने। आज भी उनका दखल बना हुआ है। हालांकि अभी कांग्रेस से धीरज बाकलीवाल मेयर हैं। ऐसे में शिवेंद्र का इस प्रकार दुर्ग निगम को काजल की कोठरी कहना बीजेपी के कई नेताओं को रास नहीं आया। उन्होंने इस पर आपत्ति भी की है। शिवेंद्र पहले सरोज पांडे के काफी करीबी रहे। उनके आशीर्वाद से एमआईसी में जगह भी मिली थी, लेकिन वार्ड चुनाव में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते भी। वर्तमान में वे बीजेपी में सक्रिय हैं, लेकिन सांसद विजय बघेल के घेमे में शामिल हो चुके हैं।